तुमको महसूस किया
परदों के पीछे से आती हल्की हल्की धूप में तुमको महसूस किया मैने
अलमारी में रखी किताबों पर जमी धूल में तुमको महसूस किया मैने
काम की व्यस्तता में भागम भाग और ना जाने क्या क्या मजबूरियां
ना चाह कर भी तेरे मेरे दरमियां आ गई कुछ दूरियां
आचनक आई तेरी याद से...
अलमारी में रखी किताबों पर जमी धूल में तुमको महसूस किया मैने
काम की व्यस्तता में भागम भाग और ना जाने क्या क्या मजबूरियां
ना चाह कर भी तेरे मेरे दरमियां आ गई कुछ दूरियां
आचनक आई तेरी याद से...