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अहसास न था
#प्यासा
#####
चल पड़ा था वो अकेले,
कोई उसके साथ न था।
ऐसी सोच रखने वाला,
शाय़द उसके बाद न था ।
सब ही करना-करना बस,
उसके नेक इरादे में था ,
जो कुछ चाहा वो खुद से,
औ कोई फरियाद न था।
उसको "पागल" कहते हुए,
थकते न दुनिया वाले ।
वो समझा काम ही केवल,
औ कोई हालात न था।
सबसे बातें बड़ी हुई,
जीतें जो पाईं उसने ,
सभी ले डाले जग वाले,
फिर भी वो उदास न था।
उससे पूछा मैंने क्यों,
इसका तुमको रोष नही,
उसने मुस्का दी थोड़ी,
जैसे कुछ अहसास न था
-'प्यासा'
© All Rights Reserved
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चल पड़ा था वो अकेले,
कोई उसके साथ न था।
ऐसी सोच रखने वाला,
शाय़द उसके बाद न था ।
सब ही करना-करना बस,
उसके नेक इरादे में था ,
जो कुछ चाहा वो खुद से,
औ कोई फरियाद न था।
उसको "पागल" कहते हुए,
थकते न दुनिया वाले ।
वो समझा काम ही केवल,
औ कोई हालात न था।
सबसे बातें बड़ी हुई,
जीतें जो पाईं उसने ,
सभी ले डाले जग वाले,
फिर भी वो उदास न था।
उससे पूछा मैंने क्यों,
इसका तुमको रोष नही,
उसने मुस्का दी थोड़ी,
जैसे कुछ अहसास न था
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