...

15 views

शाम...
कभी कभी यूँहीं चुप चाप बिना किसी शिकायत बिना किसी ख़याल के बस यूँहीं मे अपनी बाल्कनी में ठंड से लड़ती उस चादर में ख़ुद को लपेटे ढलती शाम को देखना अच्छा लगता है .. हाँ, कुछ कुछ इश्क़ सा लगता है .. !!