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शायरी
आज फिर तेरा ख्याल आया है
यौवन को मेरे जमाल आया है
रातें गुज़ारी तमाम सोचते सोचते
आज भी पशोपेश का साया है
तुम से बिछड़ना सोचा न था
अजब कुदरत की ये माया है
इंतज़ार की तड़प तुम क्या जानो
हम ने तो तुमको अपना माना है
आओगे तुम यकीं है हमको 'अनुज '
सय्यारे का भी होता ठिकाना है
© Anuj Jain
@anujjain2866
#anujwrites
#Shayari
यौवन को मेरे जमाल आया है
रातें गुज़ारी तमाम सोचते सोचते
आज भी पशोपेश का साया है
तुम से बिछड़ना सोचा न था
अजब कुदरत की ये माया है
इंतज़ार की तड़प तुम क्या जानो
हम ने तो तुमको अपना माना है
आओगे तुम यकीं है हमको 'अनुज '
सय्यारे का भी होता ठिकाना है
© Anuj Jain
@anujjain2866
#anujwrites
#Shayari
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