तलातुम
ख़्वाब मेरा काच सा था क्या
ना जाने कब चूर चूर कर गया
लगाव मेरा समंदर सा था क्या
ना जाने कब खारा कर गया
इबादत मेरी तुम से...
ना जाने कब चूर चूर कर गया
लगाव मेरा समंदर सा था क्या
ना जाने कब खारा कर गया
इबादत मेरी तुम से...