*ज़िंदगी*
उम्र की चादर से जब पैर हुए बाहर,
तो समझ में आया ज़िंदगी क्या है,
सपनों में रहकर सोया ज़ो रात रात भर मै,
मौत ने बताया ज़िंदगी क्या है।।
उम्मीदें सबकी पुरी करनी चाही हमने,
सपनो को निहारा सोचा जिंदगी क्या है,
खुश तो सभी हैँ अपनी अपनी जिंदगी में,
आखिरी वक़्त ने बताया जिंदगी क्या है।।
हालत हुए मुश्किल खुद को आजमाया,
कांटो ने एहसास दिलाया ज़िंदगी क्या है,
दिये के जैसे जला तो घर जगमगाया,
दिल के सुकून ने जताया ज़िंदगी क्या है।।
© RamKumarSingh(राम्या)
#lifestyle #sacrifice #duty #death
तो समझ में आया ज़िंदगी क्या है,
सपनों में रहकर सोया ज़ो रात रात भर मै,
मौत ने बताया ज़िंदगी क्या है।।
उम्मीदें सबकी पुरी करनी चाही हमने,
सपनो को निहारा सोचा जिंदगी क्या है,
खुश तो सभी हैँ अपनी अपनी जिंदगी में,
आखिरी वक़्त ने बताया जिंदगी क्या है।।
हालत हुए मुश्किल खुद को आजमाया,
कांटो ने एहसास दिलाया ज़िंदगी क्या है,
दिये के जैसे जला तो घर जगमगाया,
दिल के सुकून ने जताया ज़िंदगी क्या है।।
© RamKumarSingh(राम्या)
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