घर
काफ़ी सालों से मां बाबा का मकान हमारा घर था।
उन्होंने किसी कारण अभी दूसरा मकान खरीदा,
अब ये घर खाली करने की बारी थी।
पहले तो मां ठीक जैसे मेरी विदाई पे रोई थीं, वैसे रोई।
फिर सभी घरवाले इस घर में एक साथ आखिरी चाय पे बैठे।
किसी के गुज़र जाने के बाद की चर्चा से अगर आप परिचित हैं,
तो ठीक वैसी...
उन्होंने किसी कारण अभी दूसरा मकान खरीदा,
अब ये घर खाली करने की बारी थी।
पहले तो मां ठीक जैसे मेरी विदाई पे रोई थीं, वैसे रोई।
फिर सभी घरवाले इस घर में एक साथ आखिरी चाय पे बैठे।
किसी के गुज़र जाने के बाद की चर्चा से अगर आप परिचित हैं,
तो ठीक वैसी...