जो कभी.....
जो कभी लेहरा के चलो तो मुझे अपना आंचल कर दो
जो कभी धूप लगे तो मुझे अपने झुलफो का बादल कर दो
जो कभी खुद को सवारो तो अपने आंखो का काजल कर दो
जो बन कर...
जो कभी धूप लगे तो मुझे अपने झुलफो का बादल कर दो
जो कभी खुद को सवारो तो अपने आंखो का काजल कर दो
जो बन कर...