तेरा ज़िक्र
तेरा ज़िक्र किया तो पता लगा,
कितना खूबसूरत है साथ तेरा।
पैगाम-ए-इश्क़ इस दिल को भाया बड़ा,
जब दिल से जुड़े रास्ते में,
हसकर खड़ा मिला वास्ता हमारा।।
तेरे ज़िक्र से मैं गुलाबी,
और चाल मेरी
दिल के मौसम में इतरा जाती है।
नज़रों में तू नवाबी,
और तेरे नाम का हर कतरा
मेरे जिस्म के अंतरा में ज़र्रा-ज़र्रा
मदिरा के नशे सी चढ़...
कितना खूबसूरत है साथ तेरा।
पैगाम-ए-इश्क़ इस दिल को भाया बड़ा,
जब दिल से जुड़े रास्ते में,
हसकर खड़ा मिला वास्ता हमारा।।
तेरे ज़िक्र से मैं गुलाबी,
और चाल मेरी
दिल के मौसम में इतरा जाती है।
नज़रों में तू नवाबी,
और तेरे नाम का हर कतरा
मेरे जिस्म के अंतरा में ज़र्रा-ज़र्रा
मदिरा के नशे सी चढ़...