स्वयंवर...
सन्नाटा है महफ़िल में घोर निराशा छाई है,
चिंतित बैठे जनक नयनो में जलधार समाई है;
क्या नही वीर धरनी पर जो तोड़े शिव धनुष,
होत द्रवित ,पीड़ा मन मे गहराई है।
लक्ष्मण ने जब बैन सुने उर मे अंगार भड़क उठे;
इशारा...
चिंतित बैठे जनक नयनो में जलधार समाई है;
क्या नही वीर धरनी पर जो तोड़े शिव धनुष,
होत द्रवित ,पीड़ा मन मे गहराई है।
लक्ष्मण ने जब बैन सुने उर मे अंगार भड़क उठे;
इशारा...