...

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गुलाब हो तुम।
गुलाब हो तुम लाल रंग की
शराब हो तुम डूब जाता हू जिसकी प्यार में।

महताब हो तुम जीवन को प्रभावित करती हो
बहतरीन रंग मे डूबो देती हो।

प्यार मे रहता हु आजकल मसरूफ
मश्हूर हो गया हु होकर मजबूर।

शबाब हो या हो नायाब
न जानु मै पर हो तुम बहुत खास।

काटों संग रहती हो तुम जनाब
हर पल सिखाती हो मुझको प्यार बेहिसाब।

सौन्दर्य और हिम्मत साथ-साथ लेकर चलती हो
ओरो को भी अपने साथ मिला लेती हो।


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