इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं
रहमत करना खुदा, इतना हम काबिल हो जाएं,
दिखे मुझे कोई प्यासा तो हम दरिया हो जाएं,
और रास्ते ना...
दिखे मुझे कोई प्यासा तो हम दरिया हो जाएं,
और रास्ते ना...