...

14 views

"ये कैसी विपदा आई है "
ये कैसी विपदा आई है ,

हम अपनो को ना देख सके,ना कोई हमको देख सके,
आज ना मेरे पास कोई,अब ना मन मे आस कोई,
अब मै हूँ बस साथ मेरे,कुछ तस्वीरों को मन में मेरे,
अब रहने दो,
छोड़ रही मै यादों को,सब कसमों और सब वादों को,
छोड़ रही सब श्रृंगार,वो बिन्दी और पायल की तान,
इस संस्कारो की दुनिया से,छोड़ के आधे संस्कार,
अब जाने दो,
दर्द की ऐसी लहर दौड़ रही,सांसे भी अब साथ छोड़ रही,
कोई तो होता साथ मेरे,हाथो मे लेके हाथ...