नज़्म🥀
ख्वाबों की छतरियों तले
एक ख्वाब मुकम्मल किया है
एक बेबाक सा मंजर
अपने मन में बसर किया है
कोई खुसबख्त था वो
जो मेरे दिल में घर करता था
किसी की यादों में जो
अपनी जिंदगी बसर करता था
तेरी पायमाली का सैलाब
आज...
एक ख्वाब मुकम्मल किया है
एक बेबाक सा मंजर
अपने मन में बसर किया है
कोई खुसबख्त था वो
जो मेरे दिल में घर करता था
किसी की यादों में जो
अपनी जिंदगी बसर करता था
तेरी पायमाली का सैलाब
आज...