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shree ram mandir
सुन्दर मुकुट श्रृंगार सजायो,
राम मंदिर पुनः जियायो।।
सदी इक्कीस करी पुनः प्रणामा,
पल्लव भए मन,भरे रस नाना।।

हनुमान गढ़ी करी प्रथम प्रनामा,
आज्ञा होवे तो चल सन्मुख जाना।।
चरण पखार भरी प्रेम पुनीता,
बोलेहू बचन ले भाव सरीता।।
© divu

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