उसके कंगन
उसके कंगन की खनखन पे, रच दूँ एक प्यारा सा छंद
उसके कोमल हृदय पे साथी, वारूँ अपना तन और मन
लहँगा गुलाबी चुनर गुलाबी, माथे पर झूमर है सजाया
उसके पाँव की झाँझर ने है, मेरे दिल का चैन चुराया
चूड़ी...
उसके कोमल हृदय पे साथी, वारूँ अपना तन और मन
लहँगा गुलाबी चुनर गुलाबी, माथे पर झूमर है सजाया
उसके पाँव की झाँझर ने है, मेरे दिल का चैन चुराया
चूड़ी...