मैं ऐसी ही हूं
किसी ने पूछा मुझसे की अपने बारे में बताओ मुझे,
तो एक ,दो बाते कहने के बाद क्या कहूं समझ ही नहीं आया मुझे।
फिर तस्सली से बैठ के सोचा मैने मेरे बारे में,
समझदार हूं , सब जानती हूं फिर भी चुप रहकर सब कुछ होते हुए देखने में विश्वास रखती में।
खत्म नही हुआ अभी और बातें सुनाती हूं,
सभी को हिम्मत देती पर खुद पर मुसीबत आने पर घबरा जाती हूं।
किसी से बात करना पसंद नहीं फिर भी दुखी होने पर साथ ढूंढती हूं मैं,
कई बार बड़ी मुसीबतों से इतना...
तो एक ,दो बाते कहने के बाद क्या कहूं समझ ही नहीं आया मुझे।
फिर तस्सली से बैठ के सोचा मैने मेरे बारे में,
समझदार हूं , सब जानती हूं फिर भी चुप रहकर सब कुछ होते हुए देखने में विश्वास रखती में।
खत्म नही हुआ अभी और बातें सुनाती हूं,
सभी को हिम्मत देती पर खुद पर मुसीबत आने पर घबरा जाती हूं।
किसी से बात करना पसंद नहीं फिर भी दुखी होने पर साथ ढूंढती हूं मैं,
कई बार बड़ी मुसीबतों से इतना...