...

9 views

कभी मैं ना रहूँ अगर
कभी मैं ना रहूँ अगर..

तो तुम मुस्कुराना मत छोड़ना,
लोगों के आगे ग़ुरूर में इतराना मत छोड़ना।
ये जो गीत तुम आज मेरे लिए गाते हो,
सुनो मेरे बाद इन्हें गुनगुनाना मत छोड़ना।।

करना मेरे बाद भी बातें तुम मेरी,
बताना सबको वो मुलाकातें तुम मेरी।।
और जब बहुत याद आए तुम्हें मेरी,
तो बस चूम लेना सौगातें तुम मेरी।।

बारिश की बूंदों में कभी भीग भी जाया करना,
रूठ जाओ किसी से, तो खुद ही खुद को मनाया करना।
ये त्यौहार तो मेरे बाद भी जश्न की वज़ह बनेंगे,
ज़्यादा नही तो मेरे बाद तुम घर को सजाया करना।।

अगर कोई फिर से दिल को भाए तो उसको भाने देना,
बंद किबाड़ दिल के अगर खुल जाए, तो खुल जाने देना।
मत रोकना खुद को अगर फिर मोहब्बत होने लगे,
कोई अगर आता है जीवन में, तो उसको आने देना।।

मुझे पसन्द हो जैसे भी हो, खुद को बदलना मत,
देकर झूठी दिलासा खुद को, कभी छलना मत।
सिर्फ मैं जाऊँगी, मोहब्बत तुम्हारे सिरहाने रहेगी,
यूँ मेरी मोहब्बत की तपिश में, तुम पिघलना मत।।

वो नीली शर्ट मेरी पसन्द कि पहनना मत छोड़ना,
दिल पर तुम्हारे मेरा भी हक़ है, उसको मत तोड़ना।
और अगर कभी बेवज़ह मुस्कुराहट आ जाए होठों पर,
तो बेवज़ह ही मुस्कुरा लेना, ख़ुशियों से मुंह मत मोड़ना।।

मेरे बाद भी बाल बनाना और संवरना तुम,
मेरे साथ ही जीते जी नहीं मरना तुम,
कि तुमको चोट पहुँचेगी, तो सुकून मेरा भी जाएगा,
सुनो,
मेरी तस्वीर को हार नहीं फूलों से सजाना,
बस इतना करना तुम।।
#रूपकीबातें
#roopanjalisinghparmar #roop #roopkibaatein #poetry #lovepoetry
© रूपकीबातें