हमसफर
ओ मेरे हमसफर....
तेरी आँखों के मिलने से, मिलता है सुकून
फिर चाहे जलता रहे, कितनों का खून
तुम मेरे हमसफर हो, बस यही है मेरा बून
दूसरों के दीये से चमक जाओ, नहीं हो तुम वो मून
जिस पल तेरा ख्याल ना आवे, लगता है सब सून
तुम बन जाओ मेरी जीवनधारा, और मैं तेरा दून
ओ मेरे हमसफर....
जिसका मैं गवाह नहीं, क्या आया ऐसा पल
बिन...
तेरी आँखों के मिलने से, मिलता है सुकून
फिर चाहे जलता रहे, कितनों का खून
तुम मेरे हमसफर हो, बस यही है मेरा बून
दूसरों के दीये से चमक जाओ, नहीं हो तुम वो मून
जिस पल तेरा ख्याल ना आवे, लगता है सब सून
तुम बन जाओ मेरी जीवनधारा, और मैं तेरा दून
ओ मेरे हमसफर....
जिसका मैं गवाह नहीं, क्या आया ऐसा पल
बिन...