अब क्या कहु तुझेंसे
एक सफर एक उसपे ये जमाना
ढूंढने निकले एक आसियाना
ना पता था की क्या होगा क्या करे
किधर जाये कैसा होगा अपना ठिकाना
पर भरोसा था बिस्वास था तू है तो सब है
क्या डर मेरे साथ मेरा खुदा मेरा रब है
साये सा साथ रहा मेरे दर्द को चुपचाप सहा
कान सुनने तो तरसे जिसे वो कभी नही कहा
वक़्त गुजरता रहा कुछ बोले इस इंतजार ने
वो सब करता रहा ख़ामोशी से प्यार मे
एक एक पल था ज़ब...
ढूंढने निकले एक आसियाना
ना पता था की क्या होगा क्या करे
किधर जाये कैसा होगा अपना ठिकाना
पर भरोसा था बिस्वास था तू है तो सब है
क्या डर मेरे साथ मेरा खुदा मेरा रब है
साये सा साथ रहा मेरे दर्द को चुपचाप सहा
कान सुनने तो तरसे जिसे वो कभी नही कहा
वक़्त गुजरता रहा कुछ बोले इस इंतजार ने
वो सब करता रहा ख़ामोशी से प्यार मे
एक एक पल था ज़ब...