" नाम तुम्हारा "
ख्वाबो को जागीर बनाना भूल गए
इस पे सितम ताबीर बनाना भूल गए
प्यार के जेहेर को चख लेने के बाद खुला
हम उसको इक्सीर बनाना भूल गए
छोड़ गया वो जिस पल हमको तब जाना
चाहत को जंजीर बनाना भूल गए
...
इस पे सितम ताबीर बनाना भूल गए
प्यार के जेहेर को चख लेने के बाद खुला
हम उसको इक्सीर बनाना भूल गए
छोड़ गया वो जिस पल हमको तब जाना
चाहत को जंजीर बनाना भूल गए
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