बेशक रात ठहर गई है मुझमें
कि बेशक रात ठहर गई है, मुझ में
अंधेरा ही अंधेरा है चारों ओर
रोशनी तो केवल चांद की है,
आज जाना तो पता चला
यह रात की भी बहुत खूबसूरत कहानी है,
बहुत गहरे...
अंधेरा ही अंधेरा है चारों ओर
रोशनी तो केवल चांद की है,
आज जाना तो पता चला
यह रात की भी बहुत खूबसूरत कहानी है,
बहुत गहरे...