...

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प्यार या व्यापार?
प्यार में छुपा व्यापार भी होता है,
पहचान सको तो पहचानो।
जिस्मों के पूजारी हैं लोग आजकल,
जान सको तो जानो।
तुम्हारी खु़बियों को नहीं, तुम्हारे बदन के उतार-चढ़ाव को सराहा जाएगा,
ये मान सको तो मानो।
हवा गंदे विचारों की कुछ ऐसी बेह निकली है,
अपना सम्मान बचाना।
जान सको तो जानो।
आजकल तो जिस्म की जरूरत भी नहीं,
नोचने वाले तुम्हारी फोटो ही नोच डालते हैं।
बलात्कार जिस्मानी कहां रहा अब,
करने वाले नज़रों से ही बलात्कार कर डालते हैं।
इस घोर कलयुग के दौर में,
प्यार और हवस के अंतर को जानो।
व्यथा कह दी है मैंने आज की नारी की,
साधु के भेष में छिपे भेड़िए हैं,
पहचान सको तो पहचानो।
#Womenempowerment #selfmotivation #selfbelieve
© Haniya kaur