...

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गज़ल- कैसी ये तुमसे मुलाकातें हैं।
कैसी ये तुमसे मुलाकातें हैं
छोटे है दिन छोटी रातें हैं।

अभी आए तुम अभी चल दिए
खत्म कहां हुई अभी बातें हैं।

होनी थी मोहब्बत तुमसे हो गई
न धर्म है इसका न इसकी जातें हैं।

बताएं क्या तुम्हें कैसे जीते हैं हम
दर्द पीते हैं हम और गम खाते हैं।

मिले हो तुम आखिरी वक्त में
तब आए हो तुम जब हम जाते हैं।
© वरदान