दूरियां
जानते हो
दूरियों की एक बहुत
लंबी, गहरी
खाई बन चुकी है
मेरे और तुम्हारे दोनो के दरम्यान
एक ऐसी खाई
जिसे
भरने में शायद
ये जन्म अब कम ही पड़े
और
कम पड़े वो अनंत प्रेम
जो न जाने
कितनी सदियों से
पनप रहा था हम दोनों के मध्य
ऐसा नहीं
कि मेरी अब तुम तक
पहुंचने की कोई इच्छा नहीं है
या मैं तुम तक आना नहीं चाहती
बस वो तुम हो
जिसने...
दूरियों की एक बहुत
लंबी, गहरी
खाई बन चुकी है
मेरे और तुम्हारे दोनो के दरम्यान
एक ऐसी खाई
जिसे
भरने में शायद
ये जन्म अब कम ही पड़े
और
कम पड़े वो अनंत प्रेम
जो न जाने
कितनी सदियों से
पनप रहा था हम दोनों के मध्य
ऐसा नहीं
कि मेरी अब तुम तक
पहुंचने की कोई इच्छा नहीं है
या मैं तुम तक आना नहीं चाहती
बस वो तुम हो
जिसने...