विजय
वो करामत क्या जो तुम ला ना शको ,
वो विजय क्या जो तुम कर ना शको ,
वो क्षण क्या जो तुम जीत ना शको ,
वो कण क्या जो तुम उठा ना शको ,
करो प्रहार उस मुश्किल हालत पे ,
रखो विश्वास दिल पे बढो आगे जीवनमे ,
करो घात उस मन पे जो हार जाय जीवनमे ,
करो प्रत्याघात गगन में जो बढ़े आगे जीवनमे ,
विजय तेरी होके रहेंगी अपनी हार ना...
वो विजय क्या जो तुम कर ना शको ,
वो क्षण क्या जो तुम जीत ना शको ,
वो कण क्या जो तुम उठा ना शको ,
करो प्रहार उस मुश्किल हालत पे ,
रखो विश्वास दिल पे बढो आगे जीवनमे ,
करो घात उस मन पे जो हार जाय जीवनमे ,
करो प्रत्याघात गगन में जो बढ़े आगे जीवनमे ,
विजय तेरी होके रहेंगी अपनी हार ना...