शुक्रिया इस प्यार के लिए
देख के इतना प्यार फिर नई उमंग जगी है,
देख इन आरजूओ की रौनक फिर नई तरंग लगी है,
आरज़ू हैं अब इन आशाओं पे उतर पाऊं,
इन आशाओं के पंख लगा कल्पना के नभ में उड़ती जाऊ।
@Writco
© Literaria
देख इन आरजूओ की रौनक फिर नई तरंग लगी है,
आरज़ू हैं अब इन आशाओं पे उतर पाऊं,
इन आशाओं के पंख लगा कल्पना के नभ में उड़ती जाऊ।
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