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रत्न
जो अस्थायी पत्थरों से निकलकर उभरते हैं,
वे ही सचमुच जाने जाते हैं,
वे अज्ञात मार्गों पर चलते हैं,
उनका बंधन रोंदों से गहरा होता है,
वे मुस्कान के चाहक नहीं होते,
जहाँ घावों में भी मुस्कान होती है,
वे हर दिल के मेहमान नहीं होते...
© mysticalblaze99
#Hindipoetry #shayari
© mysticalblaze99
वे ही सचमुच जाने जाते हैं,
वे अज्ञात मार्गों पर चलते हैं,
उनका बंधन रोंदों से गहरा होता है,
वे मुस्कान के चाहक नहीं होते,
जहाँ घावों में भी मुस्कान होती है,
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