व्यापार नहीं करता,
निभाता हूं रिश्ते सब से मगर ऐतबार नहीं करता,
कि, नेक-गुमान हूं मैं रिश्तों का व्यापार नहीं करता,
और दखल देता नहीं मैं कतई अपनों की बातों में,
पता है हकीकत सबकी तभी इसरार नही करता,
और सोचा था कि चलना है मुताबिक दिल ए यार के,
भर लेता...
कि, नेक-गुमान हूं मैं रिश्तों का व्यापार नहीं करता,
और दखल देता नहीं मैं कतई अपनों की बातों में,
पता है हकीकत सबकी तभी इसरार नही करता,
और सोचा था कि चलना है मुताबिक दिल ए यार के,
भर लेता...