...

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ग़ज़ल
चोट दिल पर है कुछ निशाँ देखें,
आप भी दाग़ ए दिल फ़ुग़ाँ देखें।

वो मुजस्सम हिजाब की मूरत,
हम हैं ख़्वाहाँ की जीस्म ओ पाँ देखें।

हर घड़ी अब ख़्याल है उनका ,
हालत ए मर्द ए...