ये दिल कौन तोड़ता है
ये दिल कौन तोड़ता है
यहां तो सब टूटे पड़े हैं
बंद कमरों में अकेले
किसी न किसी से रूठे पड़े हैं
देखो तो ज़रा चारों ओर
बहुत से आशिक़ भरे हैं
कुछ तो उम्मीद छोड़ चुके हैं
तो कुछ अपने जिद पर अड़े हैं
ये दिल कौन तोड़ता...
यहां तो सब टूटे पड़े हैं
बंद कमरों में अकेले
किसी न किसी से रूठे पड़े हैं
देखो तो ज़रा चारों ओर
बहुत से आशिक़ भरे हैं
कुछ तो उम्मीद छोड़ चुके हैं
तो कुछ अपने जिद पर अड़े हैं
ये दिल कौन तोड़ता...