...

1 views

ये दिल कौन तोड़ता है
ये दिल कौन तोड़ता है
यहां तो सब टूटे पड़े हैं
बंद कमरों में अकेले
किसी न किसी से रूठे पड़े हैं
देखो तो ज़रा चारों ओर
बहुत से आशिक़ भरे हैं
कुछ तो उम्मीद छोड़ चुके हैं
तो कुछ अपने जिद पर अड़े हैं
ये दिल कौन तोड़ता है
यहां तो सब टूटे पड़े हैं....

कभी इस जमाने से
तो कभी खुदसे ही लड़े हैं
कुछ टूट के बिखर गए
तो कुछ झूठी हसीं का
लिबास पहन आगे बढ़े हैं
कई निकल गए
नई मोहब्बत की तलाश में
कई पुराने में ही उलझे पड़े हैं
पर अगर सब गिरे हैं ज़ख्मी यहां
तो ये ज़ख्म देने वाले कहां खड़े हैं
ये दिल कौन तोड़ता है
यहां तो सब टूटे पड़े हैं....
© Sur@j Pandey....✍️✍️