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दूर
#दूर
दूर कहीं मन मेरा क्यों आजकल भटका सा है
आंखें हैं नम और दिल में जैसे कुछ अटका सा है.
भूल जाना भी है मुश्किल याद करना भी कठिन है,
क्या करें हम किस से कहें कतरा कतरा बिखरा सा है.
ना जाने किस मोड़ पर जिन्दगी ने रखे कदम हैं,
मंजिलें भी दूर हैं हमसे और रास्ता भी भटका सा है.
जी रहे हैं हम तो यारों होंठों पर मुस्कान लिए,
मग़र दिल में जैसे कुछ टूटा सा है चटका सा है.
@alfazdilke #WritcoQuote #writer #quoteswriter #poet #writcoapp
© alfaz_dil_ke
दूर कहीं मन मेरा क्यों आजकल भटका सा है
आंखें हैं नम और दिल में जैसे कुछ अटका सा है.
भूल जाना भी है मुश्किल याद करना भी कठिन है,
क्या करें हम किस से कहें कतरा कतरा बिखरा सा है.
ना जाने किस मोड़ पर जिन्दगी ने रखे कदम हैं,
मंजिलें भी दूर हैं हमसे और रास्ता भी भटका सा है.
जी रहे हैं हम तो यारों होंठों पर मुस्कान लिए,
मग़र दिल में जैसे कुछ टूटा सा है चटका सा है.
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