!...हवस या रोमांस या रंगरलियां...!
कौन कहता है मुझेै कि मैं बहुत अच्छा हूं
चेहरे पे चेहरा लिए मैं तो यहां फिरता हू
तन आदम, मन इबलीस लिए फिरता हूं
लोग समझते है, मैं इश्क लिए फिरता हूं
चाक पीरहन कर, नशे में है इब्न ए...
चेहरे पे चेहरा लिए मैं तो यहां फिरता हू
तन आदम, मन इबलीस लिए फिरता हूं
लोग समझते है, मैं इश्क लिए फिरता हूं
चाक पीरहन कर, नशे में है इब्न ए...