क्या मेरा भावनात्मक होना गुनाह है?
क्या मेरा बहुत कुछ महसूस करना गलत है?
दुख दर्द हंसी खुशी इनको महसूस करने का
मतलब ही तो है ना कि मैं जिंदा हूं?
तो क्या मेरा भावनात्मक होना गुनाह है?
क्या यह दूसरों को हक देगा मेरी...
दुख दर्द हंसी खुशी इनको महसूस करने का
मतलब ही तो है ना कि मैं जिंदा हूं?
तो क्या मेरा भावनात्मक होना गुनाह है?
क्या यह दूसरों को हक देगा मेरी...