...

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खाकी
गरीबी की छांव से निकला हूँ, अमीरी कैसे दिखाऊंगा
इंसानियत नही है जिनमें,उनसे कैसे हाथ मिलाऊंगा
अब खाकी भी खौफ दिखाने लगी है मुझे
निर्बल व असहाय हूँ मालिक,चौखट से कैसे बाहर जाउंगा