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प्यार से बढ़कर कोई और शक्शियत नहीं
प्यार से बढ़कर कोई और शक्शियत नहीं होती
कुछ बातों को कहने की जरूरत नहीं होती

तनहाईयाँ समझती है दिलों की जुदाई की दास्तां
मोहब्बत में मिलने की जरूरत नहीं होती

ख़ामोशी से प्यार में जलते है उम्रभर बिना मिले
सिर्फ़ लिख देने से दिल की बात जाहिर नहीं होती

मोहब्बत तो दोनों ही करते है एक दूसरे से बेइंतेहा
प्यार में कभी किसी की हद मुक़र्रर नहीं होती

ऐसे में जुदाई भी एक हिस्सा होती है ज़िंदगी का
हमेंशा मन चाही तारों की क़िस्मत नहीं होती

ज़िंदगी में होती है खट्टी मीठी तकरारें भी कभी
हर मौसम में प्यार की बारिश नहीं होती

अरसा गुज़र जाता है दूरियों में, फ़िर भी दिलों से
हमदम की यादें कभी ख़ुद से जुदा नहीं होती

© Shagun