4 views
बेजार नहीं मैं
जख्म लग जाते तो आसानी से नहीं भरता मैं
क्या करु सबको परेशान नहीं करता मैं
मैं एक दरिया भी रहू
और रहू जंगल भी
किसी के कहने पर तैयार नहीं होता मैं
कभी मिल जाएगी नदिया भी किसी दरिया मे
टूटकर नदियों से कोई धार नहीं होता मैं
मिलता नहीं अब किसी दरख़्त तले
पर्वतों से भी कभी बेजार नहीं होता मैं
मौन हू या किसी तलास में हु
मोहब्बतो से तो बेजार नहीं होता मैं
बात हर बात वया करने नहीं सत्यम
समझता हू तो फिर बात नहीं करता मैं
© Satyam Dubey
क्या करु सबको परेशान नहीं करता मैं
मैं एक दरिया भी रहू
और रहू जंगल भी
किसी के कहने पर तैयार नहीं होता मैं
कभी मिल जाएगी नदिया भी किसी दरिया मे
टूटकर नदियों से कोई धार नहीं होता मैं
मिलता नहीं अब किसी दरख़्त तले
पर्वतों से भी कभी बेजार नहीं होता मैं
मौन हू या किसी तलास में हु
मोहब्बतो से तो बेजार नहीं होता मैं
बात हर बात वया करने नहीं सत्यम
समझता हू तो फिर बात नहीं करता मैं
© Satyam Dubey
Related Stories
7 Likes
0
Comments
7 Likes
0
Comments