...

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प्रेम मंजूषा
बापरे
वो जिससे मै मिला... 😳
मशीनगन थी यारों
मजाल है एक वार करके खामोश हो जाए
धडधडधडधडधड
पूरी चेन ही चलाकर रूकती थी
चाहे कितना भी बचूं
दो चार गोली खा ही लेता था
तब वो शांत होती
माशाअल्लाह...
चक्कर 😇 आते थे मुझे
पर कहते है न...
मीठा आपको कितना भी पसंद हो
ज्यादा नही खा सकते
इसलिए जबतक गोली
इनकी खा नही लेता
डकार आती रहती थी
इसलिए उनके
तेवर से टकराने चला ही जाता था
आपको बताऊँ..??
चार पांच महीने मे
कभी पानीपत
कभी कुरुक्षेत्र
और कभी हल्दीघाटी की
युद्ध होती ही रही
पांचवे छठ्ठे महीने लगते लगते
उनकी मशीनगन चलती तो थी पर
फुस्स हो जाती
एक सिक्रेट बताता हूँ
ये सब चमत्कार कैसे हुआ ?
वो गुस्सा करती रही, और
मै प्रेम चालिसा पाठ करता रहा
फिर उसने गन तो छोड दी
पर, भाई भवें उनकी
हरदम कमान बनी ही रहती
मै असमंजस मे था
इन कमानों को कैसे सीधा करू
मैने ध्यान किए अपने गुरूदेव को
कुछ तरकीब बताओ गुरू
फिर मैने आजमाया
जब उनकी भवें कमान बनती
मै अपने होठों को उसपर रख देता
और हौले हौले
उसके चेहरे पर
अपनी समस्त प्रेम आक्सीजन भरके
फूंक दिया करता
इस क्रिया का असर बेजोड हुआ
खंजर लापता हुआ
मशीनगन गुमशुदा हुआ
हाँ पर अभी भी
गुलाब हाथ नही आया था
मैने भी धैर्य नही खोया
समय आया एकदिन
वो अंतरंग हुई
मेरी सांसों की महक
उसके धडकनों से गुजरी
महक उठी वो
लहक गये जज्बात
सुलग उठे अरमान
आज वो भी समझ गयी
मै भी आवारा लुटेरा नही हूँ
मेरी बातों मे थी
मंदिर की मधुर घंटियों की सी तरंगे
जो रूह मे उतर के पावन करती है
जन्म जन्मांतर की विभक्तियाँ
मुझे भी अनुभव हुआ था
उसके रूप मे
उसके सौन्दर्य मे
था स्वर्गिक छटा, और
जो इसने बाहरी आवरण ओढ रखा था
वो और कुछ नही
अपनी मर्यादा की ढाल बनाकर रखा था
धीरे धीरे उसने
ओढे हुए सारे परतो को उतार दिया
तब मैने उसके ह्रदय के
मीठे जलप्रपात के दर्शन किए
अब हम फूल और खुशबू है
चांद और चांदनी है
सुर और साज है
मुरली और तान है
जीव और प्राण है
कृष्ण और राधा है
अब न कोई बाधा
दो तारे है
हमारे सहारे है
बडा तो शरीफ है.... मेरी तरह
पर छोटा बडा हरजाई है
माँ की पहले वाली परछाई है😂😂