जौहर
आँखो ने देखा संग पिया के,
सपना एक सुहाना!
जा तो रहे सीमाओं पर,
जल्दी से वापस आना।
कुछ ख्वाब हमारे,
रह-रह के पुकारे;
सुखा आंखों का पानी!
जद्दोजहद में मर ना जाए दो-दो जिंदगानी।
करके...
सपना एक सुहाना!
जा तो रहे सीमाओं पर,
जल्दी से वापस आना।
कुछ ख्वाब हमारे,
रह-रह के पुकारे;
सुखा आंखों का पानी!
जद्दोजहद में मर ना जाए दो-दो जिंदगानी।
करके...