...

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प्रेम की बही
हमारे प्रेम की बही लिख दो,
मेरे तुम्हारे खाते में,बहते
आंसू का हिसाब लिख दो,
नहीं चाहते कुछ तुमसे अब
पलटू और मुलाकात हो तुमसे,
मेरे आखों से निकले आंसू रूपी
मोती और इन आखों से मोतियों
की अब बरसात हो,गुजरा हुआ वो
लम्हा कभी नादान बचपन था,जहां
थोड़ी हंसी थी,पल भर का दीदार
होता पर वो...