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क्या कर सकेगा तू!
क्या कर सकेगा तू!
न सोच क्या कर सकेगा तू,
पर सोच क्या कर सकता है तू।
क्या देश के लिए लड़ सकता है तू?
या भूखों को निवाला दे सकता है तू?
क्या देश के लिए मर सकता है तू,
या ठंड से ठिठुरते लोगों को जीवन का कंबल ओढ़ा सकता है तू?
क्या देश की मरती प्रकृति, देश की गुम होती संस्कृति में एक नई जान फूंक सकता है तू?
न कर क्योंकि हो वतन को गर्व तुझ पर,
बल्कि कर क्योंकि है तुझे गर्व उस पर।
कर बड़ा या कर चाहे कुछ छोटा,
निष्क्रियता से अच्छा ही है कर्म का एक छोटा हिलोरा।
तो कर कुछ तो कर क्योंकि कर सकता है तू।
बस कर क्योंकि देश के काम तू भी आ सकता है यू।
जय हिंद! 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
७५वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर।
© B. Talekar
#WritcoQuote #writcoapp #writco #writer
न सोच क्या कर सकेगा तू,
पर सोच क्या कर सकता है तू।
क्या देश के लिए लड़ सकता है तू?
या भूखों को निवाला दे सकता है तू?
क्या देश के लिए मर सकता है तू,
या ठंड से ठिठुरते लोगों को जीवन का कंबल ओढ़ा सकता है तू?
क्या देश की मरती प्रकृति, देश की गुम होती संस्कृति में एक नई जान फूंक सकता है तू?
न कर क्योंकि हो वतन को गर्व तुझ पर,
बल्कि कर क्योंकि है तुझे गर्व उस पर।
कर बड़ा या कर चाहे कुछ छोटा,
निष्क्रियता से अच्छा ही है कर्म का एक छोटा हिलोरा।
तो कर कुछ तो कर क्योंकि कर सकता है तू।
बस कर क्योंकि देश के काम तू भी आ सकता है यू।
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