...

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अजीब दास्ताँ:जीवन
अजीब कहानी जीवन
अभी याद आया बुरा हुआ कुछ
क्या पहले सोचते थे इतना
हँसी में टालते रह्ते बुरा कहा
क्या पहले बुरा सुनते भी थे
बड़े होकर अच्छा बुरा जान पाए
अपना अच्छा और बुरा
क्या अभी भी देख पाते ये
इतना सर चढाए बाते गौर करते हो
हमेशा अच्छा बुरा चुनते रह्ते
अभी भी मिल पाया पहले सा सुकून
मन के विचारो को किस ओर लगाना
सिखाया लेकिन इसको हमेशा किसी के पथ पर आगे बढ़ना बताया
क्या पह्ले से ही पथ का ज्ञान था
शब्द जो बोली बने उनका भी अनुसरण किया
क्या कह सकते अपने विचार जो सभी ने इन बातों का अपमान किया
कुछ बातो को आपके पथ का मार्ग दर्श के लिये बताया
क्या पह्ले ही भाँति जग का बसा था
कुछ विचार पीछे छोड जाना बेहतर
आगे उनका अनुसरण बदलाव लाएगा क्या
अजीब पहेली जीवन मन की बात समझ पाएगा क्या।।


© 🍁frame of mìnd🍁