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Shayeri jo pyaar bhar de jivan me...
Shayeri 
jo pyaar bhar de jivan me...

महकते गुलों की खुशबू मस्ताना बहारों का नजारा

सोलह सिंगारो से सजी सवरी थी डगर


जब इतनी कटीली थी डगर तो हाय क्या होगा घर

जहां पड़ जाए वहां से हटती नहीं थी नजर


नजारों की रंगीनियाँ कर रही हर तरफ बसर

जहां डालो नजर वही मस्तियां रही थी बिखर



यें मालिक या तो मुझे इस दुनिया से उठा ले

या जिस जगह उसकी याद ना आयें वो जगह बता दे


जो उसके संग गुजरे वो हँसी लम्हा बता दे

शहर, दोपहर, रात का पहर कोई अच्छा वक्त बता दे


जो ना जलाये तन मन एैसी बरसात बता दे

जो ना लाये उनकी यादों की महक ऐसी हवा चला दे


जहां छाये रहें हर वक्त अंधेरे ऐसा कोई मुकाम बता दे

या फिर मेरी आंखों के तू उजाले मिटा दे


दर्द दिल कर सके बर्दाश्त ऐसा हुनर सिखा दे

या फिर एैसा तूफाँ बरसा दे कि मेरी हस्ती मिटा दे


मौत दे देता ना देता ये रब जुदाई

यार के सिवा क्या कटनी तेरी खुदाई


तूने बनाई बडी़ अच्छी ऊनी बनाई

यार के बिना ये ना रंग लाई


कैसे जिऊ पता नहीं यें जुदा तू है

क्यों दे दी तूने हमें यार यें जुदाई


मेरे मालिक मैं करूँ तुमसें जुदाई

मेरी ही जिंदगी तूने ऐसी क्यों बनाई


जीजे की हो जेल दे दे मुझे मेरे कर्जों की भरपाई

भोग लू अपने किये हुयें कर्मों की कमाई


हाय दार्जलिंग तेरी पतली पिघली गली में

लगाई अपने प्यार की छडी़ कि हाय तू शरमाई


सारी जगह ढूँढ लिया के अब तो चली मैं

सारी जगह देख ली के कही नही मिली जगह


किसी की आस्थाओं का मुकाम गिरा के

अपने महलों में आप जशन मना रहें हैं


किसी के आस्थाओं के घर में करके अंधेरा

अपने घरों में दीवालियाँ मना रहें हो


देख लिया तुम कितने आस्तिक हो

जाते हुँयें भी कंवखत रूला रहें हो


रोजतो चलत है तुमाई

कबहुँ तौ मान लो हमाई


रूठवे से का होत उने तो मनावौ आऊत

हमने पटने परत उने पटावौ आऊत


एईलिए हम नई रुकत हम उन्हें सताऊत

हम वोई दे देत जो उने चानें आऊत


हम बोई करत जो उन्हें नौने लगें,

उनको दिल फूलन जैसै खिलौं रहें


उने बुलातौ लैने ही हैं एई से हम बिन बुलाये आऊत

हम तौ पैलई पोंच जात कि वे नई बुला पाऊत


एैसो कौनऊ काम नहीं जो पलट कै ईनै बुरौ लगैं

हमायें चाय जैसौ तौ उनै भलो लगैं








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