लिखूं भी तो क्या लिखूं ❤️
कोई ग़ज़ल लिखूं कोई शेर लिखूं
अपनी दुआओं में तेरी खैर लिखूं
मांगू हर रोज खुशियां तेरे हिस्से में
हर मन्नतों में तेरे चेहरे पर मुस्कानों की पहरे लिखूं
तुझे मांगू हर मन्नत में
तेरे हिस्से में जन्नत लिखूं
ना रहे कोई कमी तेरी...
अपनी दुआओं में तेरी खैर लिखूं
मांगू हर रोज खुशियां तेरे हिस्से में
हर मन्नतों में तेरे चेहरे पर मुस्कानों की पहरे लिखूं
तुझे मांगू हर मन्नत में
तेरे हिस्से में जन्नत लिखूं
ना रहे कोई कमी तेरी...