जमी हुई घड़ी
// #जमीहुईघड़ी //
घड़ी घड़ी तुम जब देखती हो खड़ी खड़ी,
आँखे करके लाल- लाल और बड़ी- बड़ी;
सांसे रुक जाती है, आफ़त में जान पड़ी,
दिल थम जाता धड़कन चलें अड़ी- अड़ी।
मुंह को आती जान देख आंखों की तडी,
शून्य में चक्रकाल रुक जात जीवन घड़ी;
हेप्रिये जबसे आई...
घड़ी घड़ी तुम जब देखती हो खड़ी खड़ी,
आँखे करके लाल- लाल और बड़ी- बड़ी;
सांसे रुक जाती है, आफ़त में जान पड़ी,
दिल थम जाता धड़कन चलें अड़ी- अड़ी।
मुंह को आती जान देख आंखों की तडी,
शून्य में चक्रकाल रुक जात जीवन घड़ी;
हेप्रिये जबसे आई...