...

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जीवन
क्षण प्रतिक्षण
ये जीवन विलक्षण
इंद्रधनुष की छटा
कभी स्याह अंधियारा
सूखे जैसे काले बादल
कभी बरसता पानी
मनमोहक ये ख़्वाब सी
कभी नींद भी हारी
दुखों का उमड़ता सैलाब
कभी सुख की नौका हारी
फूलों की राह प्यारी
कभी शूलों की बाधा भारी
जाने कब साथ मिला
कभी छूटे सब साथी
मंजिल सबकी तय है
तन्हा यहां सब राही
© "the dust"