धर्मयुद्ध - महाभारत
द्वापरयुग का वह रण महान,
कुरूक्षेत्र था जिसका युद्ध- स्थान।
दो पक्षों की सेना तमाम,
थे योद्धा सभी सामर्थ्यवान।
दोनो ही पक्ष थे बलशाली,
थे अनुशासित, थे क्षमतावान।
रणनीति अनेक, थे व्यूह कई,
अंततः पांडवों की विजय हुई,
हुआ उनके राज्यों का वितान।
था युद्ध नही वह साधारण,
देता है ज्ञान...
कुरूक्षेत्र था जिसका युद्ध- स्थान।
दो पक्षों की सेना तमाम,
थे योद्धा सभी सामर्थ्यवान।
दोनो ही पक्ष थे बलशाली,
थे अनुशासित, थे क्षमतावान।
रणनीति अनेक, थे व्यूह कई,
अंततः पांडवों की विजय हुई,
हुआ उनके राज्यों का वितान।
था युद्ध नही वह साधारण,
देता है ज्ञान...