umeed
बैठे हैं राह में शायद वो मकाम आ जाये।
जो रूठे हैं हमसे उनका सलाम आ जाये।
उम्मीदों की खिड़कियां कभी बन्द न हो।
क्या पता कब...
जो रूठे हैं हमसे उनका सलाम आ जाये।
उम्मीदों की खिड़कियां कभी बन्द न हो।
क्या पता कब...