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Dil
ऐ दिल तू ऐसा क्यों हैं
कोई रुलाता हैं तब भी मुस्कुरा कर
पलके झुकाकर वहां से हवा हो जाता हैं
और अकेले मे आँसू बहता हैं,
क्यों किसी को पलटकर वो सच नहीं दिखता हैं
जो उसे देखना चाहिए,
पलके झुकाकर क्यों मुस्कुराता हैं
ऐ दिल तू ऐसा क्यों मुछे सताता हैं.
कोई रुलाता हैं तब भी मुस्कुरा कर
पलके झुकाकर वहां से हवा हो जाता हैं
और अकेले मे आँसू बहता हैं,
क्यों किसी को पलटकर वो सच नहीं दिखता हैं
जो उसे देखना चाहिए,
पलके झुकाकर क्यों मुस्कुराता हैं
ऐ दिल तू ऐसा क्यों मुछे सताता हैं.
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