...

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चलो आज जी ले थोड़ा अपनी जिंदगी
चलो
आज थोड़ा जी ले जिंदगी
चलो
आज थोड़ा हंस ले
चलो
आज थोड़ी फुरसत लेकर
खुद्से भी मिल ले
थोड़ा सुख दुख बात लें
थोड़ा देख लें इस बदलती दुनिया को
थोड़ा देख लें
जो रूक नहीं सकता
देख लें
घर के हर कोने को
जहा बचपन खो गया हैं
चलो
मिल ले उन पुरानी यादों से
जो बस खो जाने के रास्ते में हैं
चलो
आज मां से पूछें
ठीक हों मां आप
जानती हूं वक्त नहीं दे पाती
मगर फिर भी प्यार कम नहीं हुआ
चलो
आज मिल ले पापा की उस शर्ट को भी
जो वो अक्सर पहना करते थे
दफ्तर जाते वक्त
पर अब जो बहुत समय से
अलमारी में से मुझे ताकते रहता हैं
पुछ ले उसी से ही
की ठीक हो
जानती हुं की अब रो नही सकती
रो नही पाती
काम की व्यस्तता जो हैं इतना
जिम्मेदारियां जो हैं इतने
जो हैं पूरे करने
चलो मिल लेते हैं
आज इसी बहाने भगवान से ठीकसे
मिल जो नहीं पाती
मांग जो नहीं पाती कुछ भी
क्यूं की जिंदगी हैं ये
ठहर नहीं सकते ।
© Divya